Business Success Story: जहा एक तरफ आजकल के युवा पढ़ाई करने के बाद नौकरी के लिए परेशान घूमते रहते हैं। तो वही दूसरी ओर 23 साल की ये लड़की रोजाना खेती से 30 हजार रूपये कमाती है. नौकरी नहीं मिलने के कारण आज बहुत से युवा निराश होकर बैठ जाते हैं वहीं कुछ क्रिएटिव माइंड वाले युवा खुद का बिजनेस शुरू करके महींने का लाखों रुपए बड़े ही आराम से बना लेते हैं।
आज के इस लेख मे हम आपको एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी के बारे में बताने वाले हैं जहां पर एक 23 साल की लड़की ने बंजर भूमि पर खेती करके लाखों रुपए महीना कमाती है तो आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं ।
पढ़ाई पूरी करने के बाद गुरलीन चावला ने कुछ अलग करने का मन बनाया। और अपने सपनों को पूरा करने के लिए गुरलीन ने कड़ी मेहनत की और आज वह इस मुकाम पर पहुँच गयी हैं कि आज हर महीने लाखों रुपए की कमाई बहुत ही आसानी से कर लेती है। लेकिन वो बताती है की इसकी शुरुआत बिल्कुल भी आसान नहीं थी।
गुरलीन की सक्सेस स्टोरी
गुरलीन बताती है की वो जिस स्थान पर रहती है वहां पर बहुत ज्यादा गर्मी होती है। ऐसी स्थिति के बाद भी उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की। एक समय बाद उन्होंने इस खेती को इस मुकाम पर पहुंचा दिया की देश के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी खुद इनकी तारीफ की। उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत करके आज सफलता का मुकाम हासिल कर ली।
कैसे की गुरलीन ने इसकी शुरुआत
गुरलीन बताती है की वो एक लॉ की छात्र है। और जब भारत में कोरोना की महामारी चल रही थी तो ये लॉकडाउन लगने के बाद वह अपने घर आ गई। झांसी की रहने वाली गुरलीन को शुरू से ही स्ट्रॉबेरी खाने का बहुत ज्यादा शौक रहा है। इसके लिए उन्होंने अपने घर में ही गमले के अंदर स्ट्रॉबेरी के पौधा लगाया। जब घर पर लगाए हुए पौधों का नतीजा बहुत अच्छा आना शुरू हो गया तो उनके पिता ने फार्म हाउस मे 1.5 एकड़ जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की।
इसके बाद उनकी स्ट्रॉबेरी की खेती की यात्रा की शुरुआत हो गई। इनको इस प्रकार से खेती करता हुआ देख अन्य आसपास के किसान भी आकर्षित होने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि झांसी की सरकार ने स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल के जरिए किसानों को स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए बहुत प्रेरित किया।
स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे सीखी
जब गुरलीन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती करने का पूरा तरीका ऑनलाइन यूट्यूब से सीखी है। गुरलीन की इस कड़ी मेहनत को देखकर उनके पिता भी उनके स्पोर्ट करने मे कोई कसर नही छोड़ी। इनकी चार एकड़ जमीन जो खाली पड़ी हुई थी उस पर उन्होंने अब तक कोई भी फसल नहीं उगाई थी।
वहां पर वो स्ट्रॉबेरी की पौधे लगाना शुरू कर दिया. उसके बाद गुरलीन ने 20000 स्ट्रॉबेरी के पौधे खरीदे और उसे 1.5 एकड़ जमीन पर लगा दिये।
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अक्टूबर में इन्होंने स्ट्रॉबेरी के 20000 पौधे लगाए थे जो दिसंबर के महीने में बिकने के लिए तैयार हो गए। इसके लिए गुरलीन ने लोकल मार्केट में जाकर संपर्क किया जो bhuty ही आसानी से इनके लोकल मार्केट में बिक जाते थे।
ऑनलाइन भी भेजती है स्ट्रॉबेरी
गुरलीन की यात्रा सिर्फ यही नहीं रुकी उन्होंने झांसी ऑर्गेनिक के नाम से एक वेबसाइट बनवाया और यहां पर अब वो स्ट्रॉबेरी का ऑनलाइन बेचने लगी वेबसाइट बनवाने के लिए आप इस नंबर पर काल कर स्ट्रॉबेरी के अलावा अभी धीरे-धीरे अन्य सब्जियां भी उगने लग गई हैं और अभी इनकी खेती 7 एकड़ जमीन पर फैल गई है।
उनके फार्म हाउस में रोजाना तकरीबन 70 किलो से भी ज्यादा स्ट्रॉबेरी का प्रोडक्शन आसानी से हो जाता है और ये स्ट्रॉबेरी रोजाना करीब 30 हजार रुपए मे बिकती है।
नरेन्द्र मोदी कर चुके है तारीफ
नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रोग्राम मन की बात में गुरलीन चावला की सक्सेस स्टोरी के बारे में जानकारी दी थी और इनकी सफलता की तारीफ भी की थी अपनी स्ट्रॉबेरी खाने के शौक को गुरलीन ने कहा पहुंचा दिया है।